- Provider
Swayam
- Cost
Free Online Course
- Session
Finished
- Language
English
- Certificate
Paid Certificate Available
- Duration
24 weeks long
Overview
देश में मधुमक्खी पालन के विकास की अतिबृहत गुंजाइश है। शहद का वैश्विक उत्पादन लगभग 15% सालाना बढ़ रहा है। वैश्विक उत्पादन का लगभग एक तिहाई हिस्सा एशिया का है जिसमें भविष्य में 15 से 20% की वृद्धि होने की उम्मीद है। लगभग 15 देश वैश्विक उत्पादन में 90% योगदान देते हैं। प्रमुख शहद उत्पादक देश चीन,भारत,मेक्सिको,यूएसए,अर्जेंटीना,यूक्रेन,तुर्की,रूस हैं। 2010 के बाद से शहद की वैश्विक मांग प्रति वर्ष लगभग 19 हजार टन प्रति वर्ष औसतन बढ़ी है,जिसकी आपूर्ति मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा होती है। 2015-16 में पश्चिम बंगाल,उत्तर प्रदेश,पंजाब और बिहार ने देश के शहद उत्पादन में 61% योगदान दिया। कृषि पर राष्ट्रीय आयोग ने देश में 12 प्रमुख कृषि फसलों को परागण के लिए 150 मिलियन मधुमक्खी उपनिवेशों को तैनात करने की आवश्यकता को देखा। वर्तमान में,उन कृषि फसलों की उपज बढ़ाने के लिए 200 मिलियन मधुमक्खी उपनिवेशों की आवश्यकता है जो 215 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करेगी और 10 मिलियन टन शहद का उत्पादन करेगी और फसल उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
(http://dairyknowledge.in/sites/default/files/honey_industry.pdf)
वर्ष 2016-17 मे हमारे देश से 45,537.9 9 मीट्रिक टन प्राकृतिक शहद का निर्यात किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका,सऊदी अरब,संयुक्त अरब अमीरात,कनाडा और बांग्लादेश शहद के मुख्य निर्यात गंतव्य हैं।
(http://apeda.gov.in/apedawebsite/SubHead_Products/Natural_Honey.htm)
मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में कौशल की इन्ही आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए,एनआईओएसSWAYAMके माध्यम से पाठ्यक्रम "मधुमक्खी पालन" प्रदान करता है।
इस कोर्स को पूरा करने के बाद शिक्षार्थी एक मधुमक्खी पालक / शहद तकनीशियन / शहदपूर्तिकार के रूप मे स्वयं
रोजगार अथवा किसी के फार्म में काम कर सकता है।